आयकर,ईडी, सीबीआय, जीएसटी जैसे नियंत्रण विभागों को खुली चुनौती देकर कोयला कालाबाजारी में हजारों करोड की कमाई तो की जा रही है। जिस में विशेष रूप से महाजैनकों के वॉशरी ठेके में हिंद महामिनरल की घुग्घुस और पिंपलगांव वॉशरी से प्लोट्स टे्रडलिंक प्रा लि. के नाम पर गत आर्थीक वर्ष में 225.82 की कोयला बिक्री के बिल दिए गए है। तो अप्रैल से सितंबर 2023 तक 132.95 करोड की कोयला बिक्री होने के आकडे सामने आए है। विशेष रूप से 6 माह की कोयला बिक्री में चंद्रपुर जिले के वरोरा एमआयडीसी के साई वर्धा पॉवर को 50 हजार एमटी की कोयला बिक्री प्लोट्स के कळमना वणी से होने का दांवा है। इस बिक्री में नागपुर के आनंद की सौदेबाजी पर 50 हजार एमटी कोयला साई वर्धा तक पहुंचाया गया है। इस हजारों करोड के खेल में महाजैनकों मुख्यालय प्रकाशगढ मुंबई से लेकर कोल कार्यालय नागपुर और ठेका संचालक एमएसएमसी के अधिकारीयों की मिलीभगत है। अब तो आयकर,ईडी, सीबीआय, जीएसटी जैसे नियंत्रण विभागों समक्ष सबूत आकर हजारों का वेतन पाने वाला प्लोट्स का मालक शर्मा को अभयदान दिया जा रहा है।