वॉशरी ठेके में एमएसएमसी के संचालन और नियंत्रक ठेकेदार के साथ महाजैनकों मुख्यालय मुंबई के एसओपी से भी कोयला बिक्री पर नियंत्रण नही है। जिस में हिंद महामिनरल की घुग्घुस वॉशरी से प्रती दिन कोयला बिक्री का कार्य हो रहा है। इसी बिक्री में शर्मा की प्लोट्स ट्रेडलिंक प्रा लि. के बिलों पर बिक्री सफल तो हो रही है, लेकीन रिजेक्ट कोल अधिकार से लेकर प्लोट्स का मालक शर्मा तो हिंद महामिनरल की पिंपलगांव वॉशरी में कर्मचारी है। जिस से महाजैनकों के टीपीएस केंद्रों में मिलावटी कोयला जाकर स्टैकलॉस, कोल फैक्टर और जीसीवी की कमी जैसे दुष्परिणाम से कोयला खपत बढकर बिजली के दाम बढ रहे है। राज्य ऊर्जा मंत्री ने तो वॉशरी ठेके में झोल के सबूत देने पर तत्काल कारवाई का दांवा दिसंबर 2022 के नागपुर अधिवेशन में किया था। लेकीन अब तक सबूत के बाद भी कोई कारवाई ना होने का विशेष अभयदान देने का प्रदर्शन कर रहा है।