महाजैनकों के वॉशरी ठेके में कोयला बिक्री तो खुली ललकार का प्रदर्शीत सत्य है। ऐसे में हिंद महामिनरल की वॉशरी से प्लोट्स के बिलों पर 11 करोड की जीएसटी से 225 करोड के कोयला बिक्री का सत्य सामने आया है। अप्रैल 2022 से मार्च 2023 तक के जीएसटी रेकार्डो में भुगतान और प्लोट्स के बिलों में नमूद 5 प्रश जीएसटी का आकलन तो 225 करोड 82 लाख की बिक्री का दांवा ही है। भले ही रिजेक्ट कोल ब्रिकी अधिकार है, लेकीन बनाए गए बिल से तो रिजेक्ट निर्मीती से 1 हजार प्रश अधिक बिक्री का सत्य ही मान्य होता है। ठेके में तो वेकोलि के रॉ कोल में केवल 15 प्रश रिजेक्ट कोल मान्य किया गया है। ऐसे में करोडो के कोयला बिक्री से मलाईदार कोयले की बिक्री ही साबीत होती है। जिस में टीपीएस केंद्रो को मिलावटी कोल देकर जीसीवी के प्रमाणपत्र भ्रष्टाचार की सेटींग से बनाकर हजारों करोड का घोटाला तो सफल बनाया जा रहा है।