चंद्रपुर जिले में जिला प्रशासन की नाक के नीचे घाटो पर अवैध उत्खनन व डेपो से रेती बिक्री का बंदरबाट कार्यक्रम चल रहा है। जिस में गोंडपिपरी तहसील के कुलथा और लिखीतवाडा रेती घाट से रात में मशीनी पंजो से अवैध उत्खनन कर सटे क्षेत्र में हजारों ब्रास रेती का संग्रहण हो रहा है। जिस में जानकारी नुसार पुलिस पाटील ने मामले की शिकायत क्षेत्रीय उपविभागीय दंडाधिकारी बालाजी शेवाडे, तहसीलदार शुभम बहाकर से भी की है। लेकीन कारवाई का ढोल पिट कर अभयदान को अंजाम दिया जा रहा है। वैसे तो शासन मान्यता नुसार 10 जून 2023 से घाटों पर उत्खनन की पाबंदी, 30 सितंबर से रेती बिक्री की पाबंदी और अप्पर जिलाधिकारी के आदेश से 10 अक्टूबर 2023 तक ही रेती बिक्री की मान्यता थी। मगर आज भी गोंडपिपरी तहसील के कुलथा और लिखीतवाडा रेती घाट पर अधिकारीयों के अभयदान से अवैध उत्खनन कर रेती संग्रहण और बिक्री से खुलेआम माल कमा रहे है। ऐसे में जिलाधिकारी जिला पालकमंत्री और क्षेत्रीय तहसील कार्यालय अधिकारीयों की कार्यप्रणाली तो लुट को अभयदान देने की ही साबीत हो रही है।