जिला प्रशासन के नियोजन में जिले के 65 रेती घाटों में चंद्रपुर के 3, ब्रम्हपुरी के 15, पोंभुर्णा के 6, गोंडपिपरी के 6, चिमूर 2, कोरपना 4, सिंदेवाही 6, भद्रावती 4, वरोरा 4, मुल 9 और सावली के 5 रेती घाटो का चयन किया गया है। तो इन्ही रेती घाटों से उत्खनन कर रेती डेपो में चंद्रपुर के 2, ब्रम्हपुरी के 7, पोंभुर्णा के 3, गोंडपिपरी के 2, चिमूर 1, कोरपना 2, सिंदेवाही 2, भद्रावती 3, वरोरा 2, मुल 2 और सावली के 3 डेपो का चयन किया गया है। विशेष रूप से इस निविदा प्रक्रिया के साथ ठेकेदार को केवल 6 पहीया वाहनों के दर्शनी रंगो से रेती परिवहन का कार्य करना है। साथ ही रेती घाट और डेपो में सीसीटीवी कैमरे भी लगाने है। इतना ही नही तो परिवहन वाहनों में जीपीआरएस प्रणाली लगाकर पुर्ण नियत्रण का दांवा भी है। लेकीन जिले में अब तक का इतिहास और नागरिक सब्सीडी रेती योजना में कार्यो का रेकार्ड तो नियंत्रण नियम केवल दांवेदारी होकर अधिकारीयों के भ्रष्टाचार से पालन ना होने का सत्य ही सामने ला रहा है।