अपक्ष खेमे से पक्ष उमेदवारों को चुनौती मिलने के समिकरण

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चंद्रपुर जिले की 6 विधानसभा सीटों पर पक्ष की टीकीट ना मिलने पर बगावत और अपक्ष उमेदवार रूप में चुनौती देने के समिकरण सामने आ चुके है। विशेष रूप से 2019 के चंद्रपुर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में अपक्ष उमेदवार रूप में विधा किशोर जोरगेवार ने जीत हासील की थी। वही अपक्ष खेमे में अब चंद्रपुर से कांग्रेस के राजू झोडे और भाजपा के ब्रिजभूषण पाझारे ने ताल ठोकी है। वही बल्लारपुर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस की टीकीट ना मिलने पर डॉ. अभिलाषा गावतूरे अपक्ष उमेदवार रूप में तगडी दांवेदार बनकर उभरी है।
भद्रावती निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा के ऐहेते शाम अलि प्रहार जनशक्ती, चेतन खुटेमाटे अपक्ष, अनिल धानोरकर वंचित से मैदान में है। अपक्ष उमेदवारों को दलों के अंतर्कलह का बडा लाभ मिलने और प्रचार में भी बगावत करने वाले नेता साथ निभाने का प्रदर्शन कर रहे है। सोशल मिडीया पर इस का दर्शन होने के साथ अपक्ष को बडे नेता मनाने के लिए प्रयास भी कर चुके है। लेकीन अपना अस्तित्व बरकरार रखने और परदे के पिछे से दल में वर्चस्व की बडी लढाई के नेता भी अपना काम तो बता रहे है। ऐसे में पक्ष से टीकीट ना मिलने पर अपक्ष उमेदवार रूप में खडे होने वाले दांवेदार चुनावी समिकरण बदलने और वोटो के बटवारे में बडी भूमीका निभाने के समिकरण सामने आ रहे है। 2019 के विधानसभा चुनाव परिणाम में अपक्ष उमेदवार ने भारी वोट लेने का रेकार्ड है। यही रेकार्ड पक्ष में जाने के बाद कायम रहता या नही इस पर जनता कीनजरे लगी हुई है। चंद्रपुर से 1 लाख 17 हजार 570 वोट लेकर जीतने वाले अपक्ष उमेदवार विधा जोरगेवार इस बार भी जीत का झंडा गाड पाएंगे या नही यहचर्चा का विषय बना हुआ है।

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