चंद्रपुर जिले में बाघ की मृत्यु का प्रमाण बढ ही रहा है। दो दिन पहले ही रेलवे की टक्कर में बाघीन की मौत होने की घटना सामने आयी थी। वही 20 जन वरी को ताडोबा अंधारी व्याघ्रप्रकल्प के बफर झोन के शिवनी वन परिक्षेत्र में देढ वषीय बाघ का शव मिला है। इस की जानकारी वनविभाग को मिलते ही तत्काल घटनास्थल पर पहंचकर शव का पंचनामा किया। बाघ की मृत्यु नैसर्गीक रूप से होने का अंदाजा वन विभाग व्दारा लगाया जा रहा है। कुछ दिन पुर्व दुसरे बाघ ने मृत बाघ को जख्मी करने से वह अपनी मां के साथ जख्मी अवस्था में घूम रहा था। उस समय वनविभाग ने बाघ पर उपचार भी किया था। इस मृत बाघ पर वनविभाग कीनजर थी। लेकीन 20 जन वरी को बाघ का शव मिला। यह बाघ की मौत का सिलसीला चिंता का विषयबनता जा रहा है। जिस पर वन मंत्री और वन विभाग के आला अधिकारीयों ने उपाययोजना करने की मांग की जा रही है।